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Wednesday, June 8, 2011

जहाँ - सच्चा प्यार -या

जहाँ - सच्चा प्यार -या
आत्मीयता नहीं होती
वहां शिष्टाचार होता है .

ये - तू को तुम और
तुम को आप बनाता है.
देखने में अच्छा लगता है -
पर काम किसी के नहीं आता है .

प्रीतीभोज में सब्जी नहीं है -ये
शब्दाचार (शिष्टाचार) - तो
बस अचार है - थोडा मान
बाकी बस व्यवहार है -इसीका
नाम शायद शिष्टाचार है

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