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Tuesday, April 12, 2011

नाना कहते हैं

नाना कहते हैं - तेरी माँ की माँ
भी एक परी थी .
चुपचाप उतर आई थी एक दिन
आंगन में - और ये घर
बन गया था उनकी कल्पनाओं
का परीलोक.

माँ कहती है -
पापा एक दिन -चुरा लाये थे
उन्हें सबकी नजर से छुपकर.
और फिर चाँद तारों की
दुनिया छोड़ कर -
उतर आई थी तू -मेरे आंचल में.

भैया -ऊँगली पकड़ कर
मुझे -चलने का हुनर सिखलाता है
अभी छोटी हूँ ना -
मुझे चलना कहाँ आता है .
हर कोई मुझे -यूँ ही बहलाता है .

पापा कहते हैं - तू परी है
बहूत दूर से आयीं है -
मैं जानती हूँ -सब झूठ बोलते हैं .
भैया सच कहता है - माँ मुझे
डाक्टर आंटी के घर से लायी है .

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