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Sunday, December 30, 2012

नहीं बेचारी बन

तू चाहे - फूल गुलाब
महकती क्यारी बन .
माँ बेटी - बहन -और
पति की प्यारी बन .
पर अबला नार अकेली -
नहीं बेचारी बन .

फ़नधर विष भरपूर
खप्पर भर शोणित
रक्तबीज कर नष्ट
माँ महाकाली बन -
तू कुछ भी बन पर -
अबला - नार अकेली
नहीं बेचारी बन .

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