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Sunday, December 30, 2012

गीत मेरे

गीत मैंने लिख दिया -
देगा तुझे सुर कौन - अब 
मैं सोचता हूँ - गीत मेरे .

सुर तुम्हारे - मीत मेरे 
गूंज जाए - दूर तक 
ऐसे सदा में - 
सुन चितेरे गीत मेरे .

फिर लगेंगे - दूर तक 
अपने ये फेरे - गीत मेरे 
चल सुना दे भाव - भक्ति 
निबल बाहों में भरी 
अकूत शक्ति - गीत मेरे .

चल अचल - नभ 
और सागर - थल .
हर जगह - लग जाएँ 
तेरे जैसे डेरे - गीत मेरे .

मैं डरा हूँ - विप्लवों की 
तान से - और तेरे 
मान से सम्मान से - सुन 
गीत मेरे .

अब नहीं चिंता - की 
कोई तान छेड़े - गान छेड़े 
या विवशता में गुनगुनाये -
गीत मेरे .

जुगनुओं की चमक से 
खुद को जलाए - साथ  
ना दे या की -  तेरे 
साथ आये - गीत मेरे .   

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