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Monday, December 31, 2012

ये नो दो ग्यारह हुआ बहूत


ये नो दो ग्यारह हुआ बहूत 
अब तेरा तेरा कह प्यारे 
अपनी मनमानी बहूत हुई 
अब  'उसकी' रजा में रह प्यारे .

दिल की बातें दिल में ना रख 
जो दिल में है तू कह प्यारे 
जो बात चुभ रही है दिल में
तू उसको पहले कह प्यारे .

जो बुरा बहूत है तू उसको 
मत भला बुरा तो कह प्यारे 
वो अपनी हद में रहता है 
तू अपनी हद में रह प्यारे .

फिर बात बनेगी धीरज धर 
दिल्ली के दिल में रह प्यारे  
भारत वालों की बात और 
इंडिया को भारत कह प्यारे .

आये अंग्रेज गए सारे - 
ना इटली में तू रह प्यारे - 
भारत तो अपना भारत है - 
बेख़ौफ़ यहाँ तू रह प्यारे .


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