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Saturday, March 2, 2013

अब मीनारों पर मीनारें देखिये




आज लहरों में बहा सा देखिये 

जलोधर है फिर भी प्यासा देखिये 

बढ़ रही इंसान की आशा यहाँ -

रोज़ आशा में निराशा देखिये .


अब मीनारों पर मीनारें देखिये

आज धरती पर सितारे देखिये .

हौसले इंसान की क्या बात है

बीच सागर में किनारे देखिये .


खून मेरा अब पसीने में मिला 

आज ये अद्भूत नज़ारा देखिये 

आज सपनों पर कोई बंदिश नहीं

शील या अश्लील यारा देखिये .



देखना है जो भी प्यारे देखिये 

ख्वाब अपने या हमारे देखिये .

नींद रातों को अगर आती नहीं 

फेसबुक है अपना प्यारा देखिये .

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