निरापद थे तो क्या - कौशिश तो की चलने की
रहगुज़र - मंजिल की तलाश कभी रही ही नहीं .
लगे जो आग समंदर मे -
आज पानी की प्यास किसको है .
तूफां से खेलने का शौक रखते हैं
कश्तियों की तलाश किसको है .
उम्मीदें अपनी चाँद पर पहुंचे
दुआएं अपने मुकाम पर पहुंचें
फरियादें - हुक्काम तक पहुंचे
चलो हम भी अंजाम तक पहुंचे .
मेरे लिखने से कुछ नहीं होता
तेरे गाने से कुछ नहीं होता .
अंधेरो का तिलिस्म कायम है -
दीये जलाने से कुछ नहीं होता .
बात मरने की रोज़ करता हूँ
और हर रोज जिए जाता हूँ .
वाह क्या सीन होगा यारो - जो
मौत आये तो बड़े शौक से मिले
ना जान पाऊं तो तुम बता देना
जिन्दगी मौत से मिले रही हो गले .
मरने से डर नहीं लगता मुझे
अमर सुहाग लिए फिरता हूँ .
जिसे छूने से आग लग जाए
मैं वही आग लिए फिरता हूँ .
तेरे ख्यालों में हम
जब भी नजर आयेंगे .
तेरी आँखों में नमी होगी -
हम तारों से झिलमिलायेंगे .
मैं हकीकत हूँ कोई ख्वाब नहीं
जरुरी तो नहीं की रातों में मिलो .
मैं भूल जाता हूँ -
कोई नहीं आएगा -
और फिर से किसी का
इंतज़ार करता हूँ .
अकेले ही अपनी तो गुजरी यारो
एक दिन - अकेले ही चले जायेंगे .
ढून्ढ के थक गया हूँ -
उम्र भर रहा तनहा
जहाँ में कोई तो होगा
मेरे बिना तनहा .
रहगुज़र - मंजिल की तलाश कभी रही ही नहीं .
लगे जो आग समंदर मे -
आज पानी की प्यास किसको है .
तूफां से खेलने का शौक रखते हैं
कश्तियों की तलाश किसको है .
उम्मीदें अपनी चाँद पर पहुंचे
दुआएं अपने मुकाम पर पहुंचें
फरियादें - हुक्काम तक पहुंचे
चलो हम भी अंजाम तक पहुंचे .
मेरे लिखने से कुछ नहीं होता
तेरे गाने से कुछ नहीं होता .
अंधेरो का तिलिस्म कायम है -
दीये जलाने से कुछ नहीं होता .
बात मरने की रोज़ करता हूँ
और हर रोज जिए जाता हूँ .
वाह क्या सीन होगा यारो - जो
मौत आये तो बड़े शौक से मिले
ना जान पाऊं तो तुम बता देना
जिन्दगी मौत से मिले रही हो गले .
मरने से डर नहीं लगता मुझे
अमर सुहाग लिए फिरता हूँ .
जिसे छूने से आग लग जाए
मैं वही आग लिए फिरता हूँ .
तेरे ख्यालों में हम
जब भी नजर आयेंगे .
तेरी आँखों में नमी होगी -
हम तारों से झिलमिलायेंगे .
मैं हकीकत हूँ कोई ख्वाब नहीं
जरुरी तो नहीं की रातों में मिलो .
मैं भूल जाता हूँ -
कोई नहीं आएगा -
और फिर से किसी का
इंतज़ार करता हूँ .
अकेले ही अपनी तो गुजरी यारो
एक दिन - अकेले ही चले जायेंगे .
ढून्ढ के थक गया हूँ -
उम्र भर रहा तनहा
जहाँ में कोई तो होगा
मेरे बिना तनहा .
कुछ इस तरह से
दिल को लुटाया गया
दिल को लुटाया गया
एक पुण्य की खातिर यार
कितना पाप कमाया गया .
कितना पाप कमाया गया .
भण्डार हैं भरे बहूत - जो लोग थे गरीब
मैं कौन सा अमीर हूँ - फिर भी फ़कीर हूँ .
मैं कौन सा अमीर हूँ - फिर भी फ़कीर हूँ .
सुंदर नहीं कोई - सभी में हैं कई कमी
बस एक बार आईना - तुम देख लेना यार .
बस एक बार आईना - तुम देख लेना यार .
कहने को कुछ नहीं है भला क्या बयाँ करें
गन्दा गलीज़ भूल कर चल कुछ नया करें .
गन्दा गलीज़ भूल कर चल कुछ नया करें .
कुछ लोग तो मिले - हमे इस भीड़ में यारो
इंसान सा दिखे - मगर वो शख्स ना मिला .
इंसान सा दिखे - मगर वो शख्स ना मिला .
बेकायदा से हो गए - सब कायदे से यार
चल कायदा लिखें नया कुछ कायदे से हम ।
चल कायदा लिखें नया कुछ कायदे से हम ।
हम खो चले हैं यार इन रिश्तों की भीड़ में
रिश्ता कोई जो जान से प्यार - नहीं मिला .
रिश्ता कोई जो जान से प्यार - नहीं मिला .
कोई यहाँ - कोई वहां - कोई कहाँ तनहा
यहाँ भीड़ में भी हर शख्स मिला तनहा .
यहाँ भीड़ में भी हर शख्स मिला तनहा .
यूँ लोग तो मिले बड़े
दिल खोलकर हमें .
हैरत की बात - कोई
बड़े दिलवाला नहीं मिला .
दिल खोलकर हमें .
हैरत की बात - कोई
बड़े दिलवाला नहीं मिला .
आओ वोट वोट खेलें -
खेल खेल में - यार
तथाकथित शुक्नियों से
वापिस - अपना
'महाभारत' ले लें .
अब खासो-आमसे डर नहीं लगता
खेल खेल में - यार
तथाकथित शुक्नियों से
वापिस - अपना
'महाभारत' ले लें .
अब खासो-आमसे डर नहीं लगता
हुकूमत तमाम से डर नहीं लगता .
फिर भी पत्ते सा कांपता हूँ जाने क्यों .
फिर भी पत्ते सा कांपता हूँ जाने क्यों .
तेरे गुस्से सलाम से डर नहीं लगता .
अन्ना आया -
और गया - पर
हुकूमत से ना हुआ प्यार .
ऐ भाई केजरीवाल जी -
तुम भी अपना खोमचा
आगे बढाओ ना यार .
और गया - पर
हुकूमत से ना हुआ प्यार .
ऐ भाई केजरीवाल जी -
तुम भी अपना खोमचा
आगे बढाओ ना यार .
जीवनदर्शन से रची
ReplyDeleteसार्थक रचना महोदय...
साभार ...