जो बची बाकी नहीं -
इंसानियत - तो क्या
खुदा इंसा बनाना छोड़ दे .
या खुदा फितरत बदल
यूँ देख हमको - तू
मुस्कुराना छोड़ दे .
रास्ता टेढ़ा है तो - क्या
कोई आना जाना छोड़ दे .
तू खुदा ही ठीक है - अब
बाकी बहाना छोड़ दे .
सभी पाबन्दे हों मजहब
ये तेरा फरमान है - क्या करें
अब हर महिना तो -
यहाँ होता नहीं रमजान है .
भूल हो जाती है हमसे
भूल जाते हैं - विधान
तू खुदा है - और हम
हैं तेरे अदना से इंसान .
इंसानियत - तो क्या
खुदा इंसा बनाना छोड़ दे .
या खुदा फितरत बदल
यूँ देख हमको - तू
मुस्कुराना छोड़ दे .
रास्ता टेढ़ा है तो - क्या
कोई आना जाना छोड़ दे .
तू खुदा ही ठीक है - अब
बाकी बहाना छोड़ दे .
सभी पाबन्दे हों मजहब
ये तेरा फरमान है - क्या करें
अब हर महिना तो -
यहाँ होता नहीं रमजान है .
भूल हो जाती है हमसे
भूल जाते हैं - विधान
तू खुदा है - और हम
हैं तेरे अदना से इंसान .
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