Popular Posts

Sunday, March 3, 2013

खुदा इंसा बनाना छोड़ दे

जो बची बाकी नहीं - 
इंसानियत - तो क्या
खुदा इंसा बनाना छोड़ दे .
या खुदा फितरत बदल 
यूँ देख हमको - तू 
मुस्कुराना छोड़ दे .

रास्ता टेढ़ा है तो - क्या 
कोई आना जाना छोड़ दे .
तू खुदा ही ठीक है - अब 
बाकी बहाना छोड़ दे .

सभी पाबन्दे हों मजहब
ये तेरा फरमान है - क्या करें
अब हर महिना तो -
यहाँ होता नहीं रमजान है .

भूल हो जाती है हमसे
भूल जाते हैं - विधान
तू खुदा है - और हम
हैं तेरे अदना से इंसान .

No comments:

Post a Comment