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Sunday, March 3, 2013

लगी है आग लगने दो

लगी है आग लगने दो -
जो होता है सो होने दो - 
अभी मादक बड़ा मौसम 
मुझे मुंह ढक के सोने दो .

ना अंगडाई अभी तोड़ी 
ना अब तक चाय ही पी है - 
बहूत नाराज़ होगी माँ 
जरा मुंह हाथ धोने दो .

ना कोई ट्रेन छूटी यार
ना कोई प्लेन का टाइम
जिसे जाना है वो जाए -
मुझे कुछ और सोने दो .

बचा लेंगे वो ही देश
मैं कुछ कर नहीं सकता
बड़ी मुश्किल से जिन्दा हूँ
अभी मैं मर नही सकता .

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