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Wednesday, April 18, 2012

विरासतें समटते रहे तो

विरासतें समटते रहे तो 
एक दिन बूढ़े हो जाओगे.
पुराने खंडहरों पर -अब 
नयी ईमारत बनाने दो .

जो चला गया उसे भूल जा - 
साबरमती की कौंख -
अभी बाँझ नहीं हुई है - यार 
लहर उठ रहीं है - अरबसागर से 
उसे दिल्ली तक पहुँच जाने दो .

कहीं से ताज़ा हवा का झोका
मिल जाए अगर - उसे आने दो .
चश्मे - खादी में लिपटे रहे
जमाना बीता -यार .
पुरानी खड्डी को - कुछ
नए ताने बाने दो .

सदी बदल गयी - अब तो
कुछ नए प्रयोग आजमाने दो .
जो चला गया - सो चला गया
ये आदमी नया है - इसे
जरा भीतर तो आने दो .

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