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Wednesday, September 7, 2011

कभी कहीं मिले तो

कभी कहीं मिले तो -
तुम्हें बताऊंगा कितने सपने -
मैंने तुम्हारे लिए बुने थे- तुम्हें
जरुर सुनाऊंगा -मेरा
इंतज़ार करना - तुमसे मिलने
जीवन में एकबार - मैं जरुर आऊँगा .

तुम कौन हो - कहाँ हो
कैसे हो - कुछ तो बताओ .
हो सके तो मुझसे मिलने - आज
ही चले आओ - मैंने
आज तक तुम्हारी कल्पनाएँ की हैं
कभी देखा नहीं .

जिन्दगी बहूत छोटी है - हम जिन्दा हैं
ये भी एक भ्रम है - तुम कहीं
आसपास हो - क्या इतना कम है .


 

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