वाह क्या शांति है -
अवाम और हुक्मरान
दोनों खुश हैं .
अन्ना अपने घर गए -
रामलीला ख़तम -लोग
मैदान खाली कर गए .
पर दशहरा पास है -
रावण के मरने की -
बाकी - बची एक
धूमिल सी आस है .
पर दिवाली तो
दशहरे के बाद -
मनाई जाती है .
रावण अभी भी जिन्दा है -
देखते हैं - दीवाली इस बार
कैसे आती है .
अवाम और हुक्मरान
दोनों खुश हैं .
अन्ना अपने घर गए -
रामलीला ख़तम -लोग
मैदान खाली कर गए .
पर दशहरा पास है -
रावण के मरने की -
बाकी - बची एक
धूमिल सी आस है .
पर दिवाली तो
दशहरे के बाद -
मनाई जाती है .
रावण अभी भी जिन्दा है -
देखते हैं - दीवाली इस बार
कैसे आती है .
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