घोड़े यार फिसलते देखे डंकी सरपट चलते देखे जेठ दुपहरी तपती देखी हिमगिरी हमने जलते देखे अंधों की फूटी आँखों में का...
Thursday, April 26, 2012
शिष्य ने कहा
शिष्य ने कहा - है गुरु
हम तुझे हर दम याद करते हर पल ध्याते हैं - पर आप हमारे सपनों में- आखिर क्यों नहीं आते हैं . गुरु ने कहा - जो मुझे
हर घडी याद करते -
मुझे कभी नहीं बिसराते हैं .
मैं उनके सपनो में नहीं आता -
वो मेरे सपनो में आते हैं .
(श्री गुरु सुदर्शनाचार्यजी के चरणों में सादर समर्पित)
बढ़िया भाव ।
ReplyDeleteआभार ।