क्या आरजू करूँ
की कोई आरजू नहीं
मुद्दत से सोचता हूँ
क्या मांगूं ख़ुदा से मैं .
कितनी हसींन दिलरुबा
कितना हसींन ख्वाब .
खुद़ा की कसम - यार
मुझे झिंझोड़ना नहीं .
तन्हाईयाँ भली लगी
ना भीड़ आई रास .
बस आम ही रहा - किसी का
बन ना सका ख़ास .
अब कोई शिकायत रही न कोई गिले
मुरझा गयी है आह - जबसे तुम मिले .
फुर्सत में पढेंगे कभी दर्द का मिजाज
दर्द अब वो ना रहा - की जबसे तुम मिले .
जो मेरे दिल में इंतज़ार है शायद
तेरे दिल में वो इंतज़ार है की नहीं .
मेरे दिल में जो ढका छिपा सा है
वो तेरे दिल में प्यार है की नहीं .
मुश्किल से तसल्ली मिली दिल को यार
मेरी तन्हाइयों में चुपके से ना आये कोई .
सो गया हूँ - नींद में गाफिल हूँ बहूत
तेरे ख़्वाबों से मुझे अब ना जगाये कोई .
फिर से लडेगा सिंह - पूजा पाठ छोड़ कर
खरगोश कबूतर नहीं - हमें अब बाज़ चाहिए .
क्या एक शक्श भी नहीं है करोड़ों के देश में
सीने की आग - जिसकी अभी तक बुझी नहीं .
खोये ना जिसने हौसले - जिन्दा हो आज भी
जो अब भी चीखता है - मुझे स्वराज चाहिए .
शहीदों के रक्त से जलता जो आज भी
ये दीप ना बुझे कभी - ये दीप अमर है .
बच्चे हैं मान जायेंगे - बहला इन्हें जरा
सत्ता की टाफियां दिलाकर तो देखिये .
जब बात शहीदी की है तो पूछ लो इनसे
नासूर कौन सा है जो अब तक ना भरा है .
जिन्दा है पार्टी - सभी तो लोग जिन्दा है
कुनबा है जिन्दा - यार इनका कौन मरा है .
आसान नहीं है बदलना मुल्क की तकदीर
बस हौसले के साथ टकरा कर तो देखिये .
आज़ाद हिन्द है - सदा आज़ाद रहेगा
जो हिन्द पर मिटे उन्हें तुम भूलना नहीं .
कैसे मनाये जश्ने आजादी हमें बता
गुलामी गयी मगर गुलाम जिन्दा हैं .
हम बेईमान हैं नहीं - सब लोग गलत हैं
थोडा सा भाग बस हमे इनाम में मिला .
है मेरी दुनिया और कहीं तेरी दुनिया और
तुम जैसा ना मिला - हम जैसे कितने और
जो बढ़ गए कदम - तो ना मुडके देखिये
जब पाँव जमी पर - तो कीचड़ ना देखिये .
बातें बहूत करी - बड़े
इसरार से मिले - जब
उनका दिल किया - वो
बड़े प्यार से मिले .
दुनिया बदल गयी जरा सा तू भी बदल जा
मायूसियाँ - को छोड़ थोडा हंस लिया करो .
बदनाम तो हुवे चलो हुआ कुछ नाम दोस्तों
ऐसा हुआ कुछ मेरे इश्क का अंजाम दोस्तों .
मंजिले बोते तो बनता कारवां कोई
तुम्हें फ़िक्र नहीं और मैं भी बेसबब .
मुझसे आगे चलो - या पीछे यार
गर साथ साथ चलना गवारा नहीं .
तुम्हारी कह नहीं सकता कुछ पर
हमें तुमसे ज्यादा कोई प्यारा नहीं
किसी ने लिख दिया मैंने पढ़ा है
की उसका अर्थ खुद मैंने गढ़ा है
कभी जब भूल जाओ याद करना
वो सवाल आज भी वैसे खड़ा है .
तारिक - निहारिका - मिरासी ना कोई भांड
यहाँ पर घूमते हैं लोग कोई जैसे छुट्टे सांड .
ना रार ना तकरार ना क्रिकेट ना फ़िल्मी गान
फकीरों के महूल्ले में कहाँ फिर आ गया हूँ मैं .
हरी का सिमरन छोड मन तू राधे राधे बोल .
की कोई आरजू नहीं
मुद्दत से सोचता हूँ
क्या मांगूं ख़ुदा से मैं .
कितनी हसींन दिलरुबा
कितना हसींन ख्वाब .
खुद़ा की कसम - यार
मुझे झिंझोड़ना नहीं .
तन्हाईयाँ भली लगी
ना भीड़ आई रास .
बस आम ही रहा - किसी का
बन ना सका ख़ास .
अब कोई शिकायत रही न कोई गिले
मुरझा गयी है आह - जबसे तुम मिले .
फुर्सत में पढेंगे कभी दर्द का मिजाज
दर्द अब वो ना रहा - की जबसे तुम मिले .
जो मेरे दिल में इंतज़ार है शायद
तेरे दिल में वो इंतज़ार है की नहीं .
मेरे दिल में जो ढका छिपा सा है
वो तेरे दिल में प्यार है की नहीं .
मुश्किल से तसल्ली मिली दिल को यार
मेरी तन्हाइयों में चुपके से ना आये कोई .
सो गया हूँ - नींद में गाफिल हूँ बहूत
तेरे ख़्वाबों से मुझे अब ना जगाये कोई .
फिर से लडेगा सिंह - पूजा पाठ छोड़ कर
खरगोश कबूतर नहीं - हमें अब बाज़ चाहिए .
क्या एक शक्श भी नहीं है करोड़ों के देश में
सीने की आग - जिसकी अभी तक बुझी नहीं .
खोये ना जिसने हौसले - जिन्दा हो आज भी
जो अब भी चीखता है - मुझे स्वराज चाहिए .
शहीदों के रक्त से जलता जो आज भी
ये दीप ना बुझे कभी - ये दीप अमर है .
बच्चे हैं मान जायेंगे - बहला इन्हें जरा
सत्ता की टाफियां दिलाकर तो देखिये .
जब बात शहीदी की है तो पूछ लो इनसे
नासूर कौन सा है जो अब तक ना भरा है .
जिन्दा है पार्टी - सभी तो लोग जिन्दा है
कुनबा है जिन्दा - यार इनका कौन मरा है .
आसान नहीं है बदलना मुल्क की तकदीर
बस हौसले के साथ टकरा कर तो देखिये .
आज़ाद हिन्द है - सदा आज़ाद रहेगा
जो हिन्द पर मिटे उन्हें तुम भूलना नहीं .
कैसे मनाये जश्ने आजादी हमें बता
गुलामी गयी मगर गुलाम जिन्दा हैं .
हम बेईमान हैं नहीं - सब लोग गलत हैं
थोडा सा भाग बस हमे इनाम में मिला .
है मेरी दुनिया और कहीं तेरी दुनिया और
तुम जैसा ना मिला - हम जैसे कितने और
जो बढ़ गए कदम - तो ना मुडके देखिये
जब पाँव जमी पर - तो कीचड़ ना देखिये .
बातें बहूत करी - बड़े
इसरार से मिले - जब
उनका दिल किया - वो
बड़े प्यार से मिले .
दुनिया बदल गयी जरा सा तू भी बदल जा
मायूसियाँ - को छोड़ थोडा हंस लिया करो .
बदनाम तो हुवे चलो हुआ कुछ नाम दोस्तों
ऐसा हुआ कुछ मेरे इश्क का अंजाम दोस्तों .
मकसद नहीं , मंजिल नहीं - कारवां नहीं
ना फ़िक्र रिहाई सजा - कोई बयाँ नहीं .
मंजिले बोते तो बनता कारवां कोई
तुम्हें फ़िक्र नहीं और मैं भी बेसबब .
मुझसे आगे चलो - या पीछे यार
गर साथ साथ चलना गवारा नहीं .
तुम्हारी कह नहीं सकता कुछ पर
हमें तुमसे ज्यादा कोई प्यारा नहीं
किसी ने लिख दिया मैंने पढ़ा है
की उसका अर्थ खुद मैंने गढ़ा है
कभी जब भूल जाओ याद करना
वो सवाल आज भी वैसे खड़ा है .
तारिक - निहारिका - मिरासी ना कोई भांड
यहाँ पर घूमते हैं लोग कोई जैसे छुट्टे सांड .
ना रार ना तकरार ना क्रिकेट ना फ़िल्मी गान
फकीरों के महूल्ले में कहाँ फिर आ गया हूँ मैं .
हरी का सिमरन छोड मन तू राधे राधे बोल .
मनमोहन बकवास है सोनिया जी अनमोल .
सोनिया वाणी मन बसा - कहें वचन अनमोल .
मनमोहन का क्या ससुर - जैसे फूटा ढोल .
जवाँ बुढापा देखिये - चले ना गाँधीवंश
बिगड़ेगा ये और क्या पहले ही अपभ्रंश .
खोल कर सीना निकल
सुन उनके ताने अब नहीं
मत करो हस्ताक्षर -
ये हुक्मनामे अब नहीं .
चलो फिर से लिखें - आगाज़
ये अंजाम माफिक नहीं आया .
ये अंजाम माफिक नहीं आया .
जियोंतो ऐसे जियो जैसे जिया जाताहै वर्ना
रहमकी चौखटो को तेरा इंतजार आजभी है .
रहमकी चौखटो को तेरा इंतजार आजभी है .
गुज़रे हालातों में बड़े दम थे
गम तब भी हुआ करते थे
पर तब कोई दूसरा नहीं था
यार हम ही हम थे .
गम तब भी हुआ करते थे
पर तब कोई दूसरा नहीं था
यार हम ही हम थे .
सर पे आस्मां ना पांवों के नीचे जमीं -
बड़ी कशमकश है - मैं कहीं हूँ के नहीं .
बड़ी कशमकश है - मैं कहीं हूँ के नहीं .
हमने बदल डाले मगरूर वक्त के मिजाज
लोग सही वक्त का घर में इंतज़ार करते रहे .
लोग सही वक्त का घर में इंतज़ार करते रहे .
रोने वाले के आंसू पूछता नहीं कोई
हंसने वालों से लाखों सवाल पूछेंगे .
हंसने वालों से लाखों सवाल पूछेंगे .
अजब ढंग की है तहजीब इस शहर की यार
हंसी की बात करते हैं - और हंसने नहीं देते .
हंसी की बात करते हैं - और हंसने नहीं देते .
दोस्ती का मतलब नहीं जानते
उन्हें हम प्यार जतलाने चले थे .
उन्हें हम प्यार जतलाने चले थे .
जो ढूँढता तो खुदा मिल जाता -
अब तुझे ढूँढने बता जाऊं कहाँ .
अब तुझे ढूँढने बता जाऊं कहाँ .
प्यार बंधन नहीं - है आजादी
यार इश्क में बेड़ियाँ नहीं होती .
यार इश्क में बेड़ियाँ नहीं होती .
दिल लगाना ग़ज़ल नहीं होती
दिल से लगाना भी ग़ज़ल होती है .
अश्क बहाना - ग़ज़ल नहीं यारो
रोते को हँसाना भी ग़ज़ल होती है .
दिल से लगाना भी ग़ज़ल होती है .
अश्क बहाना - ग़ज़ल नहीं यारो
रोते को हँसाना भी ग़ज़ल होती है .
अँधेरे में रौशनी दिखाए वो प्यार है
भटके को राह पर लाये वो प्यार है .
रोक ले बढ़ते क़दमों को - जो यार
वो प्यार नहीं लोक व्यवहार है .
भटके को राह पर लाये वो प्यार है .
रोक ले बढ़ते क़दमों को - जो यार
वो प्यार नहीं लोक व्यवहार है .
थोडा सा संतोष रख
थोडा सा विश्वाश
जितना ज्यादा दूर जो
उतना आये पास .
थोडा सा विश्वाश
जितना ज्यादा दूर जो
उतना आये पास .
था इन्कलाब लंगड़ा -
किससे कहें कहानी .
कच्चे थे रंग - धानी
लो मिट गयी निशानी .
किससे कहें कहानी .
कच्चे थे रंग - धानी
लो मिट गयी निशानी .
ना कल ही बुरा था -
ना आज कुछ कमी हैं -
जीतें हैं - इसी पल में
कल की फ़िक्र नहीं है .
ना आज कुछ कमी हैं -
जीतें हैं - इसी पल में
कल की फ़िक्र नहीं है .
कुदरत ने ना रखा कुछ
सब बांटती है - साझा
कर्तव्य पूरे कर तू -
अधिकार मांग आधा .
सब बांटती है - साझा
कर्तव्य पूरे कर तू -
अधिकार मांग आधा .
सब बट गइ धरा फिर
अम्बर खिंची लकीरें
चल चाँद पर चले अब
लें बाँट - आधा आधा .
अम्बर खिंची लकीरें
चल चाँद पर चले अब
लें बाँट - आधा आधा .
जवाँ बुढापा देखिये - चले ना गाँधीवंश
बिगड़ेगा अब और क्या पहले ही अपभ्रंश .
बिगड़ेगा अब और क्या पहले ही अपभ्रंश .
सौतन बन गयी फेस बुक
मैडम करती हूट -
उसका बस चल जाए तो -
करदे हमको शूट .
मैडम करती हूट -
उसका बस चल जाए तो -
करदे हमको शूट .
अवाम की चीखों पुकारे आ रही हैं
सुना है उनके किले में -
बड़ी बड़ी - दरारें आ रही हैं .
जाने की आहटें होने लगी हैं
पतझर की - सुना है चलके
नंगे पाँव अब बहारे आ रही हैं .
सुना है उनके किले में -
बड़ी बड़ी - दरारें आ रही हैं .
जाने की आहटें होने लगी हैं
पतझर की - सुना है चलके
नंगे पाँव अब बहारे आ रही हैं .
ना ईद ही है पास
दिवाली ना त्यौहार .
ये फूलझड़ियाँ अनार
कहाँ छुट रहें है यार .
दिवाली ना त्यौहार .
ये फूलझड़ियाँ अनार
कहाँ छुट रहें है यार .
जाना है दूर देश -यार सबको छोड़कर
जो बंध गए यहाँ - फिर जाना नहीं होगा .
जो बंध गए यहाँ - फिर जाना नहीं होगा .
इस जिन्दगी से मोह जाने कब ख़तम होगा
हर पल लुभाए जा रही है जिन्दगी मुझको .
हर पल लुभाए जा रही है जिन्दगी मुझको .
'मत' को मत निकाल - छुपा कर
अभी यार अपने खीसे में डाल
वर्ना रहेगा जिन्दगी भर मलाल -
ईद आई भी और बकरा नहीं हुआ हलाल .
अभी यार अपने खीसे में डाल
वर्ना रहेगा जिन्दगी भर मलाल -
ईद आई भी और बकरा नहीं हुआ हलाल .
मकान तो बन जाते हैं - पर
घर बड़ी मुश्किल से बनते हैं .
घर बड़ी मुश्किल से बनते हैं .
मौत मिल जाए ना कहीं रस्ते में
इस फ़िक्र में ना कहीं मर जाऊं .
जिन्दगी मकसद है मेरी मंजिल भी
तू ही बता - तुझे ढूँढने किधर जाऊं .
इस फ़िक्र में ना कहीं मर जाऊं .
जिन्दगी मकसद है मेरी मंजिल भी
तू ही बता - तुझे ढूँढने किधर जाऊं .
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