कठपुतलियों के दौर - थी डोर किसी हाथ
रंगमंच के किरदार को क्या क्या बना दिया .
ये जिन्दगी बेज़ार यारो इस कदर रही
यूँ वक्त से पहले हमें बुढा बना दिया .
मजबूरियों के दौर - में जब एक ना चली
रांझा बना दिया - कभी मजनू बना दिया .
अब बस भी करो मान लिया तू ही खुदा है
इंसान ना बन सका - उसे नेता बना दिया .
कुछ हेरफेर में तेरा क्या बिगड़ जाता यार
भारत को अच्छा ख़ासा इंडिया बना दिया .
रंगमंच के किरदार को क्या क्या बना दिया .
ये जिन्दगी बेज़ार यारो इस कदर रही
यूँ वक्त से पहले हमें बुढा बना दिया .
मजबूरियों के दौर - में जब एक ना चली
रांझा बना दिया - कभी मजनू बना दिया .
अब बस भी करो मान लिया तू ही खुदा है
इंसान ना बन सका - उसे नेता बना दिया .
कुछ हेरफेर में तेरा क्या बिगड़ जाता यार
भारत को अच्छा ख़ासा इंडिया बना दिया .
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