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Tuesday, January 22, 2013

एक बार तुमसे मिलेंगे जरुर

तबस्सुम की नजाकत सी 
गुलों के रंग - बहारों का सरुर - 
जिन्दगी ने मौका दिया - तो 
एक बार तुमसे मिलेंगे जरुर .

यूँ दूर दूर हैं - जैसे जमीं आस्मां 
की तुम कहाँ - हम कहाँ .
मिलेगी कहीं तो क्षितिज की -
क्षीण सी रेखा - है जहाँ 
चाँद सितारों का जहाँ - कभी 
यकीं रख हम तुमसे मिलेंगे वहां .

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