धर्म बड़ा होता नहीं
सर्वोपरि है देश -
सतरंगी - है मुल्क ये
रंग बिरंगे वेश .
रहना अपने देश में
बंधो बिना जंजीर
निर्धन गर है मुल्क तो
तू तो नहीं फ़कीर .
देश नहीं तो कुछ नहीं
व्यर्थ सकल संसार
अपनी मिटटी आपणी
करो वतन से प्यार .
सर्वोपरि है देश -
सतरंगी - है मुल्क ये
रंग बिरंगे वेश .
रहना अपने देश में
बंधो बिना जंजीर
निर्धन गर है मुल्क तो
तू तो नहीं फ़कीर .
देश नहीं तो कुछ नहीं
व्यर्थ सकल संसार
अपनी मिटटी आपणी
करो वतन से प्यार .
No comments:
Post a Comment