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Thursday, February 28, 2013

साली चतुर सुजान

मुझ जैसा बुद्धू नहीं - 
साली चतुर सुजान 
साली तो है मेनका 
बीवी 'भाग्यवान ' .

ना चपलासी चपलता - 
ना सौलेह श्रृंगार .
नैन नहीं वाचाल से -
ना मीठी फटकार . 

साली मेरी चिमटा -
बीवी है खडताल .
साली तीखी तीरसी
बीवी - जैसे ढाल .

विधुना ने भी देखिये
कैसा किया कमाल -
सेम एक प्रोडक्ट में
फर्क दिया है डाल .

साली तो बस - जीत है
बीवी पक्की हार .
एक चाक पर ही - बनी
अलग अलग दो नार .

साली - रस की खान है
मीठा जैसे पान है .
मिश्री जैसा बोलती -
जीजा का कल्याण है .

बीवी पूरी - सौ टका
साली आधी खीर .
जिसके गर साली नहीं
वे निर्भाग फ़कीर .

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