- आज तीर पर आमंत्रण है -
- लहरों से मिलने का मन है .
- सागर पर कुछ क्रोध नहीं -बस
- तूफां से टकराने का प्रण है.
- एक सितारा टुटा है फिर -
- आसमान क्या हुआ बाँझ है.
- पौ फटते ही भौर हुई बस -
- उस 'तरुवर' की हुए सांझ है .
- एक पुष्प के मुरझाने से - गुलशन नहीं मरा करते है
- पतझर आते ही रहते हैं - बरगद नया खड़ा करते है .
- तुफानो की आशंका से - सागर विचलित नहीं जरा भी
- विपदा के आने से केवल - युक्ति नयी गढ़ा करते हैं .
- जोर से कसके पकड़ना - की हाथ छूटे नहीं
- तेरी मेरी दोस्ती सात जन्मों - तक टूटे नहीं .
यही करना था तो - पहले कहते
तुम भी राजनीति में फोकस रहते .
हमने अन्ना माना था तुम्हें अपना सा
हम भी जरा तुमसे यार चौकस रहते .
तुमने पूंछा नहीं - मैं तनहा क्यों हूँ
मैं जो ऐसा हूँ तो- फिर ऐसा क्यों हूँ .
मेरे हाल पे हँसना तो बड़ी बात नहीं
मैं तेरे हाल पे रोता हूँ तो रोता क्यों हूँ .
इस दिलकी बात छोडो मेरी बेबसी को समझो
खोने से पहले तुझको - मैं पाऊँ भी भला कैसे .
खुद को समर्पित कर दिया - फिर और क्या देते
दिल के सिवा अब और मेरे पास क्या था यार .
जो तुने दिया वही - मैं वापिस लौटा रहा हूँ
तू मुझसे दूर हो रही है - मैं तुझसे दूर जा रहा हूँ .
उनके साथ बहूत छोटा सा ही सफ़र था
जरा सा फासला - दो कदम पे मेरा घर था .
जुबाँ खामोश थी - कैसे तेरी तारीफ़ करता
नजर ने बिन कहे - सब कुछ कह दिया जनाब .
हम मर मिटे थे जिन पे - वे फिरसे हम पे जान देंगे
बहुमत से पास करा - फिर भी चुनावी इम्तेहान देंगे .
कलतो सब कुछ मुफ्त था - भीड़ घिरी चहु और
पांच जनों से यार फिर - अब क्या अनशन होय .
भूखा मरना कठिन है - ये तो पक्की बात
जनता अबतो चुनेगी - किसको परसे भात .
बाप हजारी कर गए - बेटा चाहे करोड़
पूंजी सारी छिन गयी - अब क्यों ले मरोड़ .
जाने क्यों शेर सा लगता है - जंगल में हर सियार
माना देश में मानसून कमजोर है इस बार - पर
अभी बारिशों का मौसम है - गिरने दो और फुहार .
अन्ना का रोल ख़त्म- अभी तो मोदी बाकी है यार .
जन्तर - मन्तर से
मदारी - जमूरा दोनों फरार
चलिए खेल ख़त्म - अपने
अपने घर जाओ ना यार .
अमाँ जितने पैसों की राखी
जनता से बंधवा गए - उतने
पैसे तो वापिस कर जाते - फिर
चाहे - अनशन में मर जाते -
या बीच में उठ - अपने घर जाते .
कभी खुद से - अलग होकर तो देख
मैं कितना करीब हूँ - छूकर तो देख .
ना कोई ख्वाब - ना कोई रुसवाई हूँ
मैं तेरा ही रूप - तेरी ही परछाई हूँ .
बड़े पागल हैं जो खुद से प्यार करते हैं
हम तो तेरा आज भी इंतज़ार करते हैं .
कहीं कोई था नहीं इस दुनिया में - तूझे मिलता कैसे
मुझे पता हैं - सिवा मेरे तेरा कोई और है भी नहीं यार .
उठा लेता जो वे फलक से गिरे होते -
जमीं पर गिरे आंसू उठाये नहीं जाते .
चढ़े जो देवता पर एक बार - दोस्तों
वे फूल किसी और पर चढ़ाए नहीं जाते .
जनता ने क्या सोचना
जनता अंधी जात .
अपनी अपनी कूल्डी
और अपना अपना भात .
मुड मुडके क्या देखना -
आगे राह अनेक .
अन्ना से मिलते बहूत -
हमसा मिले ना एक .
जो तू - मैं मिल जायेंगे -
ये ढूंढे ना पायेंगे .
गर जो हम बँट जायेंगे -
तर माल कमीने खायेंगे .
फिर से एक संग्राम हो - और गीता का पाठ
तब तो मुमकिन जीत हो - चलो उठो हे नाथ .
कंसा तो ज़िंदा भया - कहाँ छिपे हो नाथ
हम बेजाँ कठपुतलियां - डोरी थामो हाथ .
पांचन के पच्चीस कर - और फिर कई करोड़
सवा अरब के देस में - उठे ना कोई मरोड़ .
ऐठन लागे जब कोई - बैंयां देवो मरोड़
पैरन ते चल ना सके - टंगीया देवो तोड़ .
आपण की अम्मा ससुर - आपन की सर्कार
है कोऊ में हौसला - करलो काऊ बिगाड़ .
गुडगोबर सब हो गया - बचा ना कोई नाम
मोदी की दरकार है - अन्ना हुए हराम .
अट्टे पे सट्टा चले - अनशन भारी दाव
ना अन्ना अब डिग सके -जबरन दे बैठाओ
इस तरह सबसे अलग - इकला मत रह -
जो मैंने सहा - चल दो दिन तू भी सह .
भूल जाएगा - तू खुदा और इंसान हूँ मैं -
फिर चाहे खुदको खुदा कह या ना कह .
किसी को मिला होगा - भला मैं कैसे मानू यार
'श्याम' को - ढूँढने में जीवन की शाम हो गयी .
मौन शब्द नहीं मांगता
और शब्द मौन नहीं रहते .
चलो शब्दहीन हो जाए -
आनंदमय मौन में खो जाएँ .
ना उसके पास था कहीं - ना मेरे पास था .
तू भी कहीं उदास थी - मैं भी उदास था
सारा समय का फेर है - यारो मैं क्या कहूं
ये वक्त भूतनी का - जाने किसके पास था.
छूकर निकल गयी - दिलको करीब से
बेख़ौफ़ हवाओं - से डरता बहूत हूँ यार .
जिस दिन कोई मिल जाएगा - मेरे नसीब से
उस दिन का इंतज़ार तो कब से मुझे है यार .
गम ना कर - बच्चे हैं बहल जायेंगे .
आज याद है पर जल्दी भूल जायेंगे .
भूल मत जाना - हमीं को देना यार
वोट जब मांगने हम तेरे पास आयेंगे .
एक फूल के मुरझाने से
उपवन होता नहीं बाँझ है .
पुष्प एक मुरझाया है पर
ये जीवन की नहीं सांझ है .
जनता अंधी जात .
अपनी अपनी कूल्डी
और अपना अपना भात .
मुड मुडके क्या देखना -
आगे राह अनेक .
अन्ना से मिलते बहूत -
हमसा मिले ना एक .
जो तू - मैं मिल जायेंगे -
ये ढूंढे ना पायेंगे .
गर जो हम बँट जायेंगे -
तर माल कमीने खायेंगे .
फिर से एक संग्राम हो - और गीता का पाठ
तब तो मुमकिन जीत हो - चलो उठो हे नाथ .
कंसा तो ज़िंदा भया - कहाँ छिपे हो नाथ
हम बेजाँ कठपुतलियां - डोरी थामो हाथ .
पांचन के पच्चीस कर - और फिर कई करोड़
सवा अरब के देस में - उठे ना कोई मरोड़ .
ऐठन लागे जब कोई - बैंयां देवो मरोड़
पैरन ते चल ना सके - टंगीया देवो तोड़ .
आपण की अम्मा ससुर - आपन की सर्कार
है कोऊ में हौसला - करलो काऊ बिगाड़ .
गुडगोबर सब हो गया - बचा ना कोई नाम
मोदी की दरकार है - अन्ना हुए हराम .
अट्टे पे सट्टा चले - अनशन भारी दाव
ना अन्ना अब डिग सके -जबरन दे बैठाओ
इस तरह सबसे अलग - इकला मत रह -
जो मैंने सहा - चल दो दिन तू भी सह .
भूल जाएगा - तू खुदा और इंसान हूँ मैं -
फिर चाहे खुदको खुदा कह या ना कह .
किसी को मिला होगा - भला मैं कैसे मानू यार
'श्याम' को - ढूँढने में जीवन की शाम हो गयी .
मौन शब्द नहीं मांगता
और शब्द मौन नहीं रहते .
चलो शब्दहीन हो जाए -
आनंदमय मौन में खो जाएँ .
ना उसके पास था कहीं - ना मेरे पास था .
तू भी कहीं उदास थी - मैं भी उदास था
सारा समय का फेर है - यारो मैं क्या कहूं
ये वक्त भूतनी का - जाने किसके पास था.
छूकर निकल गयी - दिलको करीब से
बेख़ौफ़ हवाओं - से डरता बहूत हूँ यार .
जिस दिन कोई मिल जाएगा - मेरे नसीब से
उस दिन का इंतज़ार तो कब से मुझे है यार .
गम ना कर - बच्चे हैं बहल जायेंगे .
आज याद है पर जल्दी भूल जायेंगे .
भूल मत जाना - हमीं को देना यार
वोट जब मांगने हम तेरे पास आयेंगे .
जीवन प्रेम का ही प्रसार
प्रेम कर - मोह नहीं यार .
एक फूल के मुरझाने से
उपवन होता नहीं बाँझ है .
पुष्प एक मुरझाया है पर
ये जीवन की नहीं सांझ है .
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