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Friday, August 17, 2012

क्षणिकाएं

ले लो मजे -
करलो बुराइयां .
लोग पस्त हैं -
शासक मस्त है .
कहाँ है तुम्हारा ध्यान -
फिर से कहो - एक बार
मेरा भारत महान .

बना कर छोड़ देते हैं लोग -

जैसे कागज़ की नाव पानी में .
ना जाने तुम डर गए कैसे - यार 
बरसाती नाले में तूफ़ान उठाने लगे .


हवाएं तेज़ थी -

घर का उड़ गया छप्पर .

नए सिरे से अब - फिर 

आशियाँ बनाना है .



जो मैंने कल कही थी .
फिर उसी बात को दोहराता हूँ .
मैं कल भी हाशिये पर था -यार 
आज भी हाशिये पे आता हूँ .

तू मिली भी तो कब - जिन्दगी 
जब तेरे जाने के बैंड बाजे बजे .

क्या तेरे घर का और रास्ता नहीं है यार
मैं इतनी दूर चलते चलते थक जाता हूँ .

खुदकशी - या हादसा है यारो 
पर एक आदमी अभी- अभी मरा है .

चाँद मुझे जरा नहीं भाता .
गोल रोटी सा - अंदाज़ उसका 
बिलकुल भी नहीं सुहाता .
खूबसूरती का क्या करना यार -
निरामिष हूँ और भूखा भी -पर 
मैं - सचमुच चाँद नहीं खाता .

प्यार करना कोई मज़बूरी तो नहीं .
हसरतों के माने कुछ भी नहीं - यूँ 
दिल में हसरतें हों - ये जरुरी तो नहीं .

तुफां से कह अभी ना आये यहाँ .
यहाँ उमस है बहूत - पर बारिशें नहीं होती .



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