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Thursday, August 30, 2012

हम साकार तू निराकार

हम साकार तू निराकार 
बस हमारा तू ही आधार .
इतने सारे याचक - हम 
और तू अकेला साहूकार .

सभी को दे झोलियाँ भर
अपनी कृपा - स्नेह 
तेरे हाथ हजारों - हजार .
ना चाहे कोई ब्याज बट्टा
बस केवल प्रेम और आभार .

नहीं कोई तुझसा दूजा
तू लीलाधारी - देखें हम
तेरी लीला अपरम्पार .

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