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Monday, July 4, 2011

तू भी उठ -पूरा ब्रह्मांड जाग गया

तू भी उठ -पूरा
ब्रह्मांड जाग गया
आसमान में छाया
तामसी अँधेरा
कब का भाग गया .

सुबह का सूरज
जाने  कब का -उठ जाग गया
क्या सोचा है -
निकल चल -लक्ष्य
बहुत पीछे छुट गया
बटोही जाने  कहाँ भटके
वर्ना यूँ -तो नहीं रह जाते
एक जगह अटके .

चल -साथ तेरे जमाना
खुद चला आएगा -जो
अकेला ही -अकेले आदमी
की लड़ाई लड़ जायेगा .

तेरा तारनहार -तुझे
जरूर बचाएगा -चाहे
अवतार लेकर -इस जमीन
पर फिर से आएगा .

2 comments:

  1. चल -साथ तेरे जमाना
    खुद चला आएगा -जो
    अकेला ही -अकेले आदमी
    की लड़ाई लड़ जायेगा .

    बहुत सुंदर रचना..

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  2. तेरा तारनहार -तुझे
    जरूर बचाएगा -चाहे ----

    बेहतरीन प्रस्तुति ||

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