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Friday, July 15, 2011

गीत ये फिर भी -मेरा बिलकुल नया है .


देखने में घिस गया है -
बात ये सच मान मेरी -
गीत ये फिर भी -मेरा
बिलकुल नया है .

ढून्ढ लाया था - समन्दर से
हजारों बार लाखों बार -मोती.
कह रहें हैं लोग - सच्चे की चमक
युगों तक कम ना होती .

तूने उनसे - उसने तुमसे
जो कहा है - शब्द फीके
पड़ गएँ होंगे- मगर जज्बात
ये बिलकुल नया है .
  
एक तन्हा आदमी कायर नहीं है
भीड़ के सैलाब में - घुस कर अकेले -
जो भी चाहे साथ होले साथ ले ले.
जय विजय का फलसफा -
सच मान ये किंचित नया है .




1 comment:

  1. आप कह रहे हैं --
    इतने अच्छे ढंग से
    मानना ही पड़ेगा
    गीत नया है ||
    लगे हाथ बधाई भी ||

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