अबकी जो बत्ती बुझी तो -
जरुर सोनिया ने बुझाई होगी .
अन्ना का अनशन खतरे में -
शायद मनाने - जबरन खिलाने
अँधेरे में कांग्रेस ही आई होगी .
अमां यार छोड़ने पे पाबंदी तो नहीं
पर ऐसी छोडो - जो दिमाग में
कहीं तो जाके अटके - भाई
हमको तो समझ नहीं आये -
लोगों के ऐसे लटके - झटके .
हर मुसीबत - हर परेशानी में
ना जाने हम किस - किसका
लात - या हाथ ढूँढ़ते हैं .
बेचारा मनमोहन - लाचार
बकरा बनता है हर बार .
अब हमेशा तो - ये बात
हज़म नहीं होती
छोडो - कुछ और
ढंग का सा सोचो यार .
जरुर सोनिया ने बुझाई होगी .
अन्ना का अनशन खतरे में -
शायद मनाने - जबरन खिलाने
अँधेरे में कांग्रेस ही आई होगी .
अमां यार छोड़ने पे पाबंदी तो नहीं
पर ऐसी छोडो - जो दिमाग में
कहीं तो जाके अटके - भाई
हमको तो समझ नहीं आये -
लोगों के ऐसे लटके - झटके .
हर मुसीबत - हर परेशानी में
ना जाने हम किस - किसका
लात - या हाथ ढूँढ़ते हैं .
बेचारा मनमोहन - लाचार
बकरा बनता है हर बार .
अब हमेशा तो - ये बात
हज़म नहीं होती
छोडो - कुछ और
ढंग का सा सोचो यार .
No comments:
Post a Comment