ख़ुशी की बात कर -
अब दिन सुहाने हो गएँ हैं
लपेटे कब तलक फिरते रहोगे
फैंक दे गम पुराने हो गएँ हैं .
मेरे तदबीर के -
कुछ और माने हो गए हैं .
कब तलक बैठकर -
मातम मनाता .
मेरी तकदीर के
लिखे पुराने हो गए हैं .
बात कर जीत की -
मत हार की तू .
प्यार में धार है -
टकराव के फलसफे
अब पुराने हो गए हैं .
अब दिन सुहाने हो गएँ हैं
लपेटे कब तलक फिरते रहोगे
फैंक दे गम पुराने हो गएँ हैं .
मेरे तदबीर के -
कुछ और माने हो गए हैं .
कब तलक बैठकर -
मातम मनाता .
मेरी तकदीर के
लिखे पुराने हो गए हैं .
बात कर जीत की -
मत हार की तू .
प्यार में धार है -
टकराव के फलसफे
अब पुराने हो गए हैं .
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