नौटंकियों के देश में - बहुरूपिये
कदम कदम पर - नापते तौलते
पहले सोचते फिर बोलते .
हर आम और ख़ास को टटोलते.
गड़बड़ा जाते हैं - समीकरण
जब अर्जुन को - कर्ण ललकारता है
युधिष्ठर - जुआ जीतता है
भारत महाभारत से हारता है .
द्रोपदी- कपडे की चिंदी के एवज़ में
कृष्ण को कोर्ट में घसीटती है -
भीड़ सरे आम कुलकलंक को -
बड़ी कचहरी में पीटती है .
ये क्या हो रहा है - इस मुल्क का
अवाम क्या बिलकुल बेसुध सो रहा है
पर याद रख - सारे घोड़े नहीं बिक़े
बचे अभी काफी हैं - अमन की
चिंता तो कर - पर अब युद्ध पर माफ़ी है .
कदम कदम पर - नापते तौलते
पहले सोचते फिर बोलते .
हर आम और ख़ास को टटोलते.
गड़बड़ा जाते हैं - समीकरण
जब अर्जुन को - कर्ण ललकारता है
युधिष्ठर - जुआ जीतता है
भारत महाभारत से हारता है .
द्रोपदी- कपडे की चिंदी के एवज़ में
कृष्ण को कोर्ट में घसीटती है -
भीड़ सरे आम कुलकलंक को -
बड़ी कचहरी में पीटती है .
ये क्या हो रहा है - इस मुल्क का
अवाम क्या बिलकुल बेसुध सो रहा है
पर याद रख - सारे घोड़े नहीं बिक़े
बचे अभी काफी हैं - अमन की
चिंता तो कर - पर अब युद्ध पर माफ़ी है .
भारत महाभारत से हारता है ||
ReplyDeleteबहुत बढ़िया प्रस्तुति ||
शुभ-कामनाएं ||