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Friday, March 28, 2014

एक पागल सी लड़की -

एक पागल सी लड़की - 
हरपल - मेरे आगे पीछे 
मेरी तवज्जो पाने .
मेरी गतिविधियों पर 
नजर रखने - घर जाकर 
चुगली लगाने .


मेरे चारों तरफ 

लट्टू सी घूमती थी .
वो बड़ी बेरहम निर्दयी सी -
बचपन में मुझे 'यम'
से कम नहीं लगती थी .
पता ही नहीं चला -
खेल खेल में - वो
जाने कब बड़ी हो गयी .

आज भी - उससे 

मेरा सबसे अद्भूत नाता है 

सारे सौभाग्य - इश्वर ने 

उसे बक्शे हैं - फिर भी 

मेरे बिना उसके - दिल का 

एक कोना जाने- क्यों 

और कैसे - सूना रह जाता है .

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