Popular Posts
नए साल की नयी कहानी
नए साल की नयी कहानी मैंने सुनी न तूने जानी -क्या करना है हमको प्यारे - तेरी मेरी एक जुबानी क्या ले लेगी हमसे यारो ये महंगाई -जियें म...
मन को उन्मुक्त छोड़ दो
मन को उन्मुक्त छोड़ दो इसे किसी भी दिशा में जाने दो . दसों दिशाओं में यूं ही चक्कर लगाने दो . जबरन -हठात कैद मत करो जो जाता है -उसे ...
(no title)
आँधियों के दौर हर मंज़र उदास है - बचने की भला अब किसको आस है अंजाम से डरे हुए कुछ लोग तो मिले अंजाम बदल दें मुझे उसकी तलाश है .
Thursday, November 1, 2012
एक पागल सी लड़की
1 comment:
संगीता पुरी
November 1, 2012 at 8:31 PM
भावपूर्ण
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
भावपूर्ण
ReplyDelete