भीड़ से डरता है - बियाबान से डरता है
भाग्य से डरता है भगवान से डरता है
पत्नी से और हर निगेहबान से डरता है .
आज हर इंसान - इंसान से डरता है .
मंदिर के पण्डों - शाही इमाम से डरता है
हुकूमत से डरा - उसके फरमान से डरता है .
जाति शानोमान - बैंक के पठान से डरता है
कोर्ट के सम्मन - हकीम के ईमान से डरता है .
गली के नुक्कड़ से - शहर की गलियों में
राजनेताओं के घटिया ईमान से डरता है .
महीने के बजट की खींचतान से डरता है
दोस्त से डरता है मेहमान से डरता है .
(लिस्ट अभी और भी लम्बी है ....)
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