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Monday, March 26, 2012

जब खो जाते हैं हम

कितने बेबस - लाचार से
हो जाते हैं हम - कोई ढूँढता नहीं
जब खो जाते हैं हम .

ये देश घर - हमवतन 
बेमानी हो जाते हैं - जब 
हमारे होने के मायने -
सचमुच खो जाते हैं .

पूछता नही जब कोई -
लाचार नारद से हो जाते हैं 
नारायण-लीला में उलझे 
जाने किस रूपसी की -
याद में खो जाते हैं .

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