दिल के आगे जोर नहीं है -
दिल के आगे चलती ना कुछ .
कितना भी समझा फुसला ले -
बात मगर यूँ बनती ना कुछ .
डर के आगे जीत नहीं है
भय बिन होती प्रीत नहीं है .
दिल माने कोई रीत नहीं है
मधुर सुरों साजों पर गाया
रोना कोई गीत नहीं है .
मन का मैला - साफ़ न होता
धो धो - तन का मेल उतारा .
गिनती गिनगिन जग ये हारा
होते हरदम - नौ दो ग्यारह .
दिल के आगे चलती ना कुछ .
कितना भी समझा फुसला ले -
बात मगर यूँ बनती ना कुछ .
डर के आगे जीत नहीं है
भय बिन होती प्रीत नहीं है .
दिल माने कोई रीत नहीं है
मधुर सुरों साजों पर गाया
रोना कोई गीत नहीं है .
मन का मैला - साफ़ न होता
धो धो - तन का मेल उतारा .
गिनती गिनगिन जग ये हारा
होते हरदम - नौ दो ग्यारह .
हो जग का कल्याण, पूर्ण हो जन-गण आसा |
ReplyDeleteहों हर्षित तन-प्राण, वर्ष हो अच्छा-खासा ||
शुभकामनायें आदरणीय