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Thursday, February 20, 2014

तू तमाशबीन नहीं शायर हैं .

लिख वो प्यार की-
बात जो तूने कही .
लिख उसके बाद की
पीड़ा जो तूने सही
लिख की तू मुहजोर
नहीं कायर है .
लिख की तू तमाशबीन
नहीं शायर हैं .

आज वो हर बात -
लिख जो तूने कही है
जमाना जानता है
वो कितनी सटीक
कितनी सही है .

आज ही लिख -
अपनी अंतरात्मा का
वो सच - जो
कल कोई नहीं सुनेगा .

कोई नहीं पढ़ेगा .
कम से कम - कोई
अलग से अपने
मायने नहीं गढ़ेगा .

1 comment:

  1. लिख सब लिख
    इतना लिख
    कि कोई
    कह पाये
    अब मत लिख !

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