कभी तू आना - मेरे घर
फुर्सत में - कभी
जिन्दगी - तुने मुझे
अभी ठीक से जाना ही कहाँ है .
फुर्सत में - कभी
जिन्दगी - तुने मुझे
अभी ठीक से जाना ही कहाँ है .
तिजारत नहीं थी जिन्दगी - जो मुनाफे का सौदा होती
मिल गयी थी यूँही सरेराह - भटकती हुई घर ले आया
भ्रूण थी - पाला पोसा बड़ा किया मैंने - किसे पता वर्ना
जाने कहाँ ये किस के घर - किस कौंख से पैदा होती .
मिल गयी थी यूँही सरेराह - भटकती हुई घर ले आया
भ्रूण थी - पाला पोसा बड़ा किया मैंने - किसे पता वर्ना
जाने कहाँ ये किस के घर - किस कौंख से पैदा होती .
दुआ और प्यार दोनों आहिस्ता
आहिस्ता असर करती हैं .
आजकल घंटियाँ मंदिर में नहीं
दिल में बजा करती हैं .
आहिस्ता असर करती हैं .
आजकल घंटियाँ मंदिर में नहीं
दिल में बजा करती हैं .
तेज़ आंधी थी - अकेले मैं खड़ा था .
हौसला सच मान मुझ से भी बड़ा था .
हौसला सच मान मुझ से भी बड़ा था .
बुझा दे फूंक मार कर - इन्हें खामोश कर डालो
ये मरघट में दीये जलते हुए अच्छे नहीं लगते .
ये मरघट में दीये जलते हुए अच्छे नहीं लगते .
बस्ती की खोज थी - मैं जंगल में भटक गया
असीम शांति देख - दिल जाने क्यों अटक गया .
यहाँ क़ानून तो है - चाहे जंगल का ही सही यार .
असीम शांति देख - दिल जाने क्यों अटक गया .
यहाँ क़ानून तो है - चाहे जंगल का ही सही यार .
ख़ामोशी ओढ़ ली इस कदर
बोलना भूल गए - शब्द लबों पे
आते आते जाने किस तरह -
घडी के पेंडलूम से झूल गए .
बोलना भूल गए - शब्द लबों पे
आते आते जाने किस तरह -
घडी के पेंडलूम से झूल गए .
भगवान मत बना - मुझे फ़क्त इंसान रहने दे
घरमें दिलमें मत बसा - बस मेहमान रहने दे .
घरमें दिलमें मत बसा - बस मेहमान रहने दे .
हमने चेहरे से परतों में उतरते हुए चहरे देखे
दुनिया के अजब- गजब ढंग के चेहरे देखे .
गिडगिडाने का जब असर ना हुआ यारो
उन्ही हाथों में चमकती तलवार लहरे देखे .
दुनिया के अजब- गजब ढंग के चेहरे देखे .
गिडगिडाने का जब असर ना हुआ यारो
उन्ही हाथों में चमकती तलवार लहरे देखे .
खुद से अच्छा - अभी तक मिला कोई नहीं
फिर गलत क्या है - मुझ से भला कोई नहीं .
सच तो ये - है इस हमाम में हम सब नंगे हैं
इस दुनिया में मिला -दूध का धुला कोई नहीं .
फिर गलत क्या है - मुझ से भला कोई नहीं .
सच तो ये - है इस हमाम में हम सब नंगे हैं
इस दुनिया में मिला -दूध का धुला कोई नहीं .
अकेले में अपनी तनहाइयाँ - भली
कोई गुज़ारिश भी नहीं की सनम से .
वो आजायें तो ठीक है यार - वर्ना
कोई कसम भी नहीं कसम से .
कोई गुज़ारिश भी नहीं की सनम से .
वो आजायें तो ठीक है यार - वर्ना
कोई कसम भी नहीं कसम से .
कोई ताला ना कोई 'की' है
दिल - का दरवाज़ा
हमेशा खुला रहता है .
बस खींचिए और खोलिए
( जिप लगी हैं ना यार )
दिल - का दरवाज़ा
हमेशा खुला रहता है .
बस खींचिए और खोलिए
( जिप लगी हैं ना यार )
बड़े जतन से चुने - शब्द
बहूत देर तक तोले -
और फिर बोलें .
अफ़सोस ही - रहा
दिल को वो बोले तो -
पर जरा कम बोले .
बहूत देर तक तोले -
और फिर बोलें .
अफ़सोस ही - रहा
दिल को वो बोले तो -
पर जरा कम बोले .
लग रहा था - की बस
पलकों से अब टपका .
पर आंधियां - बादलों को
कहीं दूर ले गयी .
पलकों से अब टपका .
पर आंधियां - बादलों को
कहीं दूर ले गयी .
कोई ख़ुशी नहीं - कोई गम नहीं .
वहीं जिन्दगी गुज़र गयी - जहाँ
तू तो थी - रहे हम नहीं .
वहीं जिन्दगी गुज़र गयी - जहाँ
तू तो थी - रहे हम नहीं .
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