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नए साल की नयी कहानी मैंने सुनी न तूने जानी -क्या करना है हमको प्यारे - तेरी मेरी एक जुबानी क्या ले लेगी हमसे यारो ये महंगाई -जियें म...
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मन को उन्मुक्त छोड़ दो इसे किसी भी दिशा में जाने दो . दसों दिशाओं में यूं ही चक्कर लगाने दो . जबरन -हठात कैद मत करो जो जाता है -उसे ...
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आँधियों के दौर हर मंज़र उदास है - बचने की भला अब किसको आस है अंजाम से डरे हुए कुछ लोग तो मिले अंजाम बदल दें मुझे उसकी तलाश है .
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