राज चले जाते हैं , ताज चले जाते हैं,
सारे हमराज चले जाते हैं .
'स्व राज 'की चिंता कर -प्यारे ,
तू तो अभी (बूढ़ा) बच्चा है
वर्ना यहाँ बड़े बड़े उस्ताद चले जाते हैं .
किसी ने सोचा किसी ने माना -और
कहीं कोई कर गुजरा दीवाना -तो
पंडाल ख़ाली हो जाएगा -वोटो और नोटों
का साम्राज्य जाली हो जाएगा .
अभी जो तेरी 'मय' -
सर चढ़ कर -संसद में बोलती है
हर उड़ते परिंदे के पर तोलती है .
पर ये भीड़ है -इसका तुझे अंदाज़ नहीं ,
तू तो बुझता चिराग है -यार ,
ये तो उगते सूरज की जय बोलती है .
इतिहास लिखने की- जिद छोड़,
इसमें अपनी जगह ढून्ढ - क्या पता
किसी हाशिये पर भी बाकी ना बचे .
कटोरा लेकर और कहाँ जाएगा -गर
कहीं अमरीका ने भी घास ना डाली ,
फिर कौन मिटाएगा ये तेरी तंग हाली .
तेरी रौशनी की तलाश -
जुगनुओं तक ही आखिर क्यों जाती है,
सूरज से रुबरु आँख -
मिलाने में क्या -शर्म आती है
सारे हमराज चले जाते हैं .
'स्व राज 'की चिंता कर -प्यारे ,
तू तो अभी (बूढ़ा) बच्चा है
वर्ना यहाँ बड़े बड़े उस्ताद चले जाते हैं .
किसी ने सोचा किसी ने माना -और
कहीं कोई कर गुजरा दीवाना -तो
पंडाल ख़ाली हो जाएगा -वोटो और नोटों
का साम्राज्य जाली हो जाएगा .
अभी जो तेरी 'मय' -
सर चढ़ कर -संसद में बोलती है
हर उड़ते परिंदे के पर तोलती है .
पर ये भीड़ है -इसका तुझे अंदाज़ नहीं ,
तू तो बुझता चिराग है -यार ,
ये तो उगते सूरज की जय बोलती है .
इतिहास लिखने की- जिद छोड़,
इसमें अपनी जगह ढून्ढ - क्या पता
किसी हाशिये पर भी बाकी ना बचे .
कटोरा लेकर और कहाँ जाएगा -गर
कहीं अमरीका ने भी घास ना डाली ,
फिर कौन मिटाएगा ये तेरी तंग हाली .
तेरी रौशनी की तलाश -
जुगनुओं तक ही आखिर क्यों जाती है,
सूरज से रुबरु आँख -
मिलाने में क्या -शर्म आती है
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