सिरकटी लाशों पे माना सर नहीं हैं ,
आज तेरी बात के उत्तर नहीं हैं .
खींच कर लायी क़ज़ा हमको यहाँ पर
जिन्दगी अब मौत से बेहतर नहीं हैं .
जमा खातिर रख -मैं लौटूंगा यक़ीनन ,
हार भी फिर जीत से कमतर नहीं है .
भृकुटियाँ टेढ़ी अभी की ही कहाँ हैं -
साथ में तेरा कोई रहबर नहीं है .
गीत गाने का असर होता नहीं है
गालियाँ देने का ये अवसर नहीं है .
आज तेरी बात के उत्तर नहीं हैं .
खींच कर लायी क़ज़ा हमको यहाँ पर
जिन्दगी अब मौत से बेहतर नहीं हैं .
जमा खातिर रख -मैं लौटूंगा यक़ीनन ,
हार भी फिर जीत से कमतर नहीं है .
भृकुटियाँ टेढ़ी अभी की ही कहाँ हैं -
साथ में तेरा कोई रहबर नहीं है .
गीत गाने का असर होता नहीं है
गालियाँ देने का ये अवसर नहीं है .
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