कभी चाँद से बदली में ,
दीखते हो छुप जाते हो ,
कभी खुल के मिलते हो -
बहूत बतियाते हो -और
कभी बिना देखे ही -
चुपके से निकल जाते हो .
कभी बिना देखे ही -
चुपके से निकल जाते हो .
तुम कौन हो मेरे -
कभी तफसील से समझाते हो -
और कभी यूँ ही बदले बदले से
जाने क्यों नजर आते हो .
कभी तफसील से समझाते हो -
और कभी यूँ ही बदले बदले से
जाने क्यों नजर आते हो .
बड़ी उलझन में हूँ -
सब हैं मौन -आखिर
कोई तो बताये -
हम आपके हैं कौन ?
सब हैं मौन -आखिर
कोई तो बताये -
हम आपके हैं कौन ?
बहुत सुन्दर......!!
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