वो मेरा दोस्त भी , भाई भी था ,
कोलाहल भी था ,तन्हाई भी था .
ग़ज़ल भी था ,शहनाई भी था .
जाने क्यों याद आ रहा है-आज ,
मुझ में शामिल ,मेरी परछाई भी था .
वो मेरी जमीं था, आस्मां भी
मेरा हमराज, पूरा दुनिया-जहाँ भी,
बता नहीं सकता -कहाँ कहाँ था वो ,
हर कहीं जहाँ में हूँ -वो वहां भी .
जो मेरे आंसू उठाता था -
गिरने से पहले पलक से.
उसका दिल खिल जाता था मेरी
एक झलक से.
मुझ से बिछड़े हुए उसे अरसा बीता -
मैं रह गया खाली -बिलकुल रीता .
गम आज भी दरवाजा खटखटाते हैं -
मेरे पास रहते हैं -दूर नहीं जाते हैं -
कहाँ से लाऊ उसे -कहाँ सन्देश भेजूं ,
किस को कहूँ -कैसे बुलवाऊँ.
मेरी पीड़ा भरा स्वर -उस तक जाता नहीं
जो चला गया -वो वापिस लौट के आता नहीं
कोलाहल भी था ,तन्हाई भी था .
ग़ज़ल भी था ,शहनाई भी था .
जाने क्यों याद आ रहा है-आज ,
मुझ में शामिल ,मेरी परछाई भी था .
वो मेरी जमीं था, आस्मां भी
मेरा हमराज, पूरा दुनिया-जहाँ भी,
बता नहीं सकता -कहाँ कहाँ था वो ,
हर कहीं जहाँ में हूँ -वो वहां भी .
जो मेरे आंसू उठाता था -
गिरने से पहले पलक से.
उसका दिल खिल जाता था मेरी
एक झलक से.
मुझ से बिछड़े हुए उसे अरसा बीता -
मैं रह गया खाली -बिलकुल रीता .
गम आज भी दरवाजा खटखटाते हैं -
मेरे पास रहते हैं -दूर नहीं जाते हैं -
कहाँ से लाऊ उसे -कहाँ सन्देश भेजूं ,
किस को कहूँ -कैसे बुलवाऊँ.
मेरी पीड़ा भरा स्वर -उस तक जाता नहीं
जो चला गया -वो वापिस लौट के आता नहीं
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