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Saturday, March 12, 2011

तू मेरा सफ़र भी है

तू  मेरा  सफ़र  भी  है  मंजिल  भी  -
क्या फर्क है  -वो हो सुबह शाम या रात
मुझे बता सो सही -घर से कब निकलना है .
अकेले साए का भी चलने में क्या चलना है .


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