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क्षणिकाएँ
क्या हुआ मैला हुआ तन . देख सुंदर सा मेरा मन . शुभ्र देवो सा मेरा संसार . प्राणप्रिय आओ मेरी बन . अभी तुक्के लगाये हैं अभी तो तीर ब...
झक दुपहरी में एक दीप जलाया जाये
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हमारा हिंदुस्तान , क्या है मेरा यहाँ
हमारा हिंदुस्तान , क्या है मेरा यहाँ -सिर्फ एक छोटा सा ५५ गज का मकान , फिर भी मैं कहता हूँ - 'मेरा' भारत 'सबसे' महान . ...
Saturday, March 12, 2011
तू मेरा सफ़र भी है
तू मेरा सफ़र भी है मंजिल भी -
क्या फर्क है -वो हो सुबह शाम या रात
मुझे बता सो सही -घर से कब निकलना है .
अकेले साए का भी चलने में क्या चलना है .
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