गम है ना ख़ुशी है -
बस ठीक से हैं आज कल
तू है ना कमी है -
कैसे कहें ये आज कल .
आँखों में नमी है ना -
पानी की कमी है -
रोने की ये कैसी -
आदत बनी है -आजकल
दो चार गिरहें और -
काटेंगे अभी और
जाने ये कैसे चोर -
होने लगे हैं -आजकल.
जज्बात के दरिया में -
पत्थर की चली नाव.
सर पर हैं अब चुनाव -
कैसे लड़ेंगे -आजकल
पेट्रोल -और डीजल,
सब हो गए महंगे -
चल चल के मरगये -
हम सोचते हैं आजकल .
ना राख ही मिली -
ना हाड का पता .
कैसे ये फिर जला -
सब पूछते हैं- आजकल.
कैसा ये देश है -
नेता दरवेश है -
अवाम लापता
सब ढूँढ़ते हैं- आजकल.
बस ठीक से हैं आज कल
तू है ना कमी है -
कैसे कहें ये आज कल .
आँखों में नमी है ना -
पानी की कमी है -
रोने की ये कैसी -
आदत बनी है -आजकल
दो चार गिरहें और -
काटेंगे अभी और
जाने ये कैसे चोर -
होने लगे हैं -आजकल.
जज्बात के दरिया में -
पत्थर की चली नाव.
सर पर हैं अब चुनाव -
कैसे लड़ेंगे -आजकल
पेट्रोल -और डीजल,
सब हो गए महंगे -
चल चल के मरगये -
हम सोचते हैं आजकल .
ना राख ही मिली -
ना हाड का पता .
कैसे ये फिर जला -
सब पूछते हैं- आजकल.
कैसा ये देश है -
नेता दरवेश है -
अवाम लापता
सब ढूँढ़ते हैं- आजकल.
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