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Thursday, June 2, 2011

थोड़े थोड़े हम सभी बेईमान हैं

थोड़े थोड़े हम सभी बेईमान हैं -तभी तो
इनके हाथ में -आज भ्रष्टाचार की कमान हैं .
हमारे सर पे जब तक सुविधाओं का वितान है
तभी तक पैसों से काम करवाने का विधान है.

आओ रोटी को इनसे दूर कर दें -
बाबा भूखा क्यों रहे -इन्हें
भूखा मरने पर मजबूर कर दें .
काले नोटों को जलालें या खा लें  .
या इटली - ब्रिटेन से अपने -
माई-बाप को बुला लें .

पेट इनका भर नहीं सकता -कोई
किसान इनके लिए -अब
अनाज पैदा कर नहीं सकता .

अब क्या खाओगे मेरे लाल - हमारे
हाथ में तो बस गाँधी की ये लाठी है  -
इससे पेट भर जाए तो परोस दें .
या तुम्हारे मुहं में खोंस दे .

 

1 comment:

  1. बहुत सार्थक आक्रोश..
    (अगर word verification हटा दें तो कमेन्ट देने में सुविधा रहेगी)

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