इस देश में ख़ास कोई नहीं -
तू सरे आम- आम आदमी की
बात कर - समर से फिर इतना
डरता क्यों है - आज मौका भी
है और दस्तूर भी है -आजा
दुश्मन से - दो दो हाथ कर .
तू सरे आम- आम आदमी की
बात कर - समर से फिर इतना
डरता क्यों है - आज मौका भी
है और दस्तूर भी है -आजा
दुश्मन से - दो दो हाथ कर .
उड़ चलूं - हवा के संग संग
तूफानों से छिड़ गयी जंग .
रिमझिम बरसा पल में सावन
कैसा है मौसम मनभावन .
उफ़ देखो कितनी गर्मी है
ए .सी कूलर तो सही यार
सरकारी बाबू से चलते -
पंखे चलना बेशर्मी हैं .
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