कैसा लगेगा तुझे .
कौन देखेगा तेरी बाट
तेरी शान - ये तेरे ठाठ .
कौन बहायेगा - तेरी याद
तेरे प्यार में अश्रुजल -
कौन लाएगा तेरे लिए - ब्रह्मकमल.
बात-बात पर कौन सताएगा तुझे .
फिर तेरी राह पर -उद्विग्न
विक्षिप्त बावला सा कौन -
चलकर आएगा.
कितना छलिया है - तू
ये तुझे कौन बार बार बताएगा .
तेरी महानता - दया का गुणगान
कौन - ज़माने को सुनाएगा .
तू सिर्फ मेरा है - ये तुझे
आखिर कौन यकीन दिलाएगा.
याद रखना - एक दिन
ऐसा जरुर आएगा - जब
तू तो होगा - बस मैं नहीं रहूँगा .
(श्री हरी बदरीनाथजी को समर्पित)
बहुत ही अच्छा लिखा है आपने
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