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Saturday, June 11, 2011

सत्य के बूंटे को सिंचिए

सत्य के बूंटे को सिंचिए - और
उसमे खाद डालिए - अच्छे माली
की तरह उसे बड़े जतन- और
बड़े शौक से पालिए .

जो इसके लिए जियेगा - इसकी
राह में मिट जायेगा  -
उसीका जीवन -तो
मरने के बाद भी- औरों के लिए
मील का पत्थर - बन जाएगा
और सदियों तक - दुनिया और
दुनिया वालों के लिए -
बहूत काम आएगा .

सत्य कितना ही कडुआ -
करेला या नीम है - पर
जो इसे पालेगा  और इसके लिए
मिट जाएगा - वही
जनम जन्मान्तरों तक-
इसके मीठे फल खायेगा -और
बरसों बरस -इंसान के रूप में
देवता की मानिंद पूजा जायेगा .

जो सत्य को पुजेगा - वो पायेगा
सत्य से प्रेम तो अपने आप ही  -
उत्पन्न हो जाएगा - वही
तो शाश्वत सच्चा प्रेम -युगों युगों तक 
अमरप्रेम के नाम से जाना जायेगा .

सत्यनामी वृक्ष का फल ही तो प्रेम है -
बाकी सब त्याज्य -और दिखावा
ये दुनिया तो बस फिर -ढोंग
बाजीगरी एक तमाशा  -
खेल या गेम है .


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