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हमारा हिंदुस्तान , क्या है मेरा यहाँ
हमारा हिंदुस्तान , क्या है मेरा यहाँ -सिर्फ एक छोटा सा ५५ गज का मकान , फिर भी मैं कहता हूँ - 'मेरा' भारत 'सबसे' महान . ...
क्षणिकाएँ
क्या हुआ मैला हुआ तन . देख सुंदर सा मेरा मन . शुभ्र देवो सा मेरा संसार . प्राणप्रिय आओ मेरी बन . अभी तुक्के लगाये हैं अभी तो तीर ब...
झक दुपहरी में एक दीप जलाया जाये
सूने गुलशन को इस तरह सजाया जाए महक नही तो थोड़ा इत्र मिलाया जाए . टिकाऊ न सही कुछ देर तो जले यारो झक दुपहरी में एक दीप जलाया जाये . दु...
Tuesday, June 7, 2011
कल्याणकारी शुभकामनाएं ...!!!!
जीवन -शाश्वत -अमित अटूट
अविरल - अविराम .
जीवन अनंत है ....!!!!!
हर पल - इसका मधुरस
भर भर पीयों - क्षणिक नहीं
भरपूर जियों !!!!!!!
उसी जीवन के लिए -
नव नूतन - शुभ्र और
कल्याणकारी शुभकामनाएं ...!!!!
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