बेकार जायेगा तेरा , लहरों का ताकना ,
ये बात गलत है , तेरा खिड़की से झांकना .
कश्ती भी है , पतवार भी , और नाखुदा भी है,
हिम्मत है तो कर ले फिर समन्दर का सामना .
ये बात गलत है , तेरा खिड़की से झांकना .
कश्ती भी है , पतवार भी , और नाखुदा भी है,
हिम्मत है तो कर ले फिर समन्दर का सामना .
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