आज उड़ने को तुम्हारी -
कल्पना को -
तितलियों के पंख लाया हूँ !
मैं वही हूँ -
साथ तेरे हर घडी हर पल
उठाए फिर रहां हूँ -
बोझ तेरा इस धरा पर
मैं तेरे ही साथ जन्मा -
हमसफ़र हूँ
कब पराया हूँ .
उजाला मेरा पिता है-
रश्मियाँ मेरा बनें घर,
अंधेरों से रौशनी में आया हूँ
नहीं कोई गैर -पगले
मैं तेरा ही साया हूँ.
कल्पना को -
तितलियों के पंख लाया हूँ !
मैं वही हूँ -
साथ तेरे हर घडी हर पल
उठाए फिर रहां हूँ -
बोझ तेरा इस धरा पर
मैं तेरे ही साथ जन्मा -
हमसफ़र हूँ
कब पराया हूँ .
उजाला मेरा पिता है-
रश्मियाँ मेरा बनें घर,
अंधेरों से रौशनी में आया हूँ
नहीं कोई गैर -पगले
मैं तेरा ही साया हूँ.
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