जीवन मैं - गर कभी मिलो ,
तो अपनों की तरह मिलना .
वैसे ही जैसे - मिलती हैं
दो नदियाँ ,किसी संगम पर-
और खो जाती है -एक दूजे में .
ऐसे कभी मत मिलना जैसे-
पत्ते मिलते हैं आँधियों से.
तो अपनों की तरह मिलना .
वैसे ही जैसे - मिलती हैं
दो नदियाँ ,किसी संगम पर-
और खो जाती है -एक दूजे में .
ऐसे कभी मत मिलना जैसे-
पत्ते मिलते हैं आँधियों से.
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