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Saturday, June 11, 2011

तू आम है तो आम खा ना यार

तू आम है तो आम खा ना यार -
पर इस पेड़ को छूना मत -
हाथ मत लगा यार .

इस पेड़ में जितने भी आम
आते हैं वे तो बेनागा -
गूंठ्लियों समेत -स्विस बैंक
में जमा कर दिए जाते हैं .

पता भी है खाली जितने पैसे -
ब्याज बट्टे के आते हैं - उतने से  
तेरी आने वाली सात पीढ़ियों के
पाप बिना कुछ किये धुल जाते हैं .

तू तो फिर मजबूर -मजदूर है -
पेड़ तक पहुँचने का रास्ता
अभी तेरे लिए काले -कौसों  दूर है .

बजाय आम खाने के -क्यों
हमारे पेड़ गिनने पर अड़ा है
निन्यानवें के चक्कर में- तू
तो बेकार में ही पड़ा है .

 

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