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Sunday, June 5, 2011

सरक यार - हम हैं सरकार

सरक यार - हम हैं
सरकार - बहूत हुआ
अब हम ऐन्ठेंगे -
तेरे और तेरे बाबा के -
सर पर अब हम बैठेंगे .

तू कूँवे नहीं खोदेगा -
तुझे गन्दा पानी -नल
में डाल -पैसे लेकर
पीने को हम देंगे .

मिटटी का दीपक छोड़
खटके से जलने वाली -
छूवो तो पकड़ने वाली -
मीटर से चलने वाली -
बत्ती हम देंगे .

रहने -खाने के लिए -
आखिर गाँव की परेशानी
क्यों सहता है -देख तो सही
ये शहर कितना सुंदर है -इसमें
आके क्यों नहीं रहता है -बस
रहने का टैक्स तुझसे हम लेंगे .

हाजत को जंगल में मत जा-
बस -थोडा सा टैक्स चूका .
घर में बैठ-बैठे फारिग हो जा.

तेरे स्वस्थ का कितना ख्याल है -
पास में ही खैराती हस्पताल है -
सुविधा शुल्क चूका - जा
जाके भारती हो जा - अब जीना
मरना तो डाक्टर -या खुदा
का कमाल है - वैसे भी तेरा
जीना मरना अपने आप में सवाल है .

हम चिंता करेंगे तेरी हर हाल में
एक बार आयेंगे जरुर -मिलने
हर पांचवें साल में - ज्यादा कुछ नहीं
जिन्दा रह गया तो -वोट दे देना.

वर्ना वैसे ही काम चला लेंगे - तू
नहीं तो तेरे बच्चों से वोट डलवा लेंगे .
फिर भी नहीं - काम चला तो
आपातकाल लगा लेंगे .




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